शब्द कब पर्याप्त हुए हैं भावनाओं की अभिव्यक्ति में! शब्द कब पर्याप्त हुए हैं भावनाओं की अभिव्यक्ति में!
रह गई सब तदबीर धरी की धरी, अचानक ही जब छूट गई नौकरी! रह गई सब तदबीर धरी की धरी, अचानक ही जब छूट गई नौकरी!
चहलकदमी शुरू हुई , बाल पहुंचे स्कूल रंग रंगत स्वत: बढी , मौसम है अनुकूल! चहलकदमी शुरू हुई , बाल पहुंचे स्कूल रंग रंगत स्वत: बढी , मौसम है अनुकूल!
अत्यंत खास हुआ करती है अपनेपन की तासीर। अत्यंत खास हुआ करती है अपनेपन की तासीर।
मुझे माफ करना भारत मैं तेरा अपना ही बिहार हूं ! मुझे माफ करना भारत मैं तेरा अपना ही बिहार हूं !
स्वास्थ्य और संतोष का अद्वितीय गणित योग है, निभायी क्रमबद्धता इसकी ,वह तन रहता निरोग! स्वास्थ्य और संतोष का अद्वितीय गणित योग है, निभायी क्रमबद्धता इसकी ,वह तन रहत...